अन्जान लोगों को की हुई मदद को उसने इस तरह लौटाया
कि मुसीबत के वक्त मेरे साथ जो खड़ा था उसे मैं ठीक से जानता भी नहीं था
शायद इसे ही उसकी रहमत कहते है ,शायद यही इंसानियत होती है !!!
सुबोध - २४ सितम्बर, २०१४
कि मुसीबत के वक्त मेरे साथ जो खड़ा था उसे मैं ठीक से जानता भी नहीं था
शायद इसे ही उसकी रहमत कहते है ,शायद यही इंसानियत होती है !!!
सुबोध - २४ सितम्बर, २०१४
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