दोस्त हरेक के होते है , आपने अपने दोस्तों से क्या सीखा?
मान लीजिये आपका एक दोस्त अमीर है और दूसरा गरीब .आप गौर करें अमीर दोस्त का उठना बैठना ,बात का अंदाज़ ,उसकी बातों का
कॉन्फिडेंस ,किन सब्जेक्ट पर उसे बातें करना पसंद है उसके सपने,उसकी हताशा ,उसका उत्साह -यानी
उसकी हर बात का ,हर एक्शन का ढंग से मुआयना करें . यही मुआयना अपने
गरीब दोस्त का करें . दोनों का फर्क देखे ,दोनों की मानसिकता में से आपको अपने मतलब
का क्या लगता है ,आप ज्यादा किसे
पसंद करते है और क्यों ?
कहते है खून के रिश्तों को आप नहीं चुन सकते ये उपरवाले की देन है . लेकिन दोस्ती का रिश्ता - संसार का सबसे
खूबसूरत रिश्ता आप चुन सकते है - लिहाज़ा ये रिश्ता बहुत सोच -समझ कर चुने .ध्यान
रखें आपकी आजकी स्थिति का निर्माण आपके
गुजरे हुए कल ने किया है और आने वाले कल (भविष्य) का निर्माण आपका आज करता है तो अपने भविष्य की खूबसूरती का निर्माण करने के
लिए आज आप जो भी काम करे , बहुत सोच-समझ कर करें , जो भी दोस्त चुने
सोच समझ कर चुने. मैं सही दोस्त चुनने की बात इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि वही एक
शख्स ऐसा है जो आपकी ख़ुशी में भी आपके उतना ही साथ है जितना आपके दुःख में और आपकी
ज़िन्दगी में सही और अच्छी सलाह वही शख्स देता है .
आप अपने अमीर दोस्त से ये सीखे कि आपको क्या करना चाहिए और गरीब दोस्त से
ये कि क्या नहीं करना चाहिए - अपनी मानसिकता तो आपने स्वयं ने ही बनानी है, अच्छे-बुरे की
पहचान आपने स्वयं ने करनी है.
-सुबोध
( one sim all recharge )
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