ज़िन्दगी में असफल वही लोग है जो गलतियाँ नहीं करते क्योंकि गलती होने के डर से वे कभी भी अपने पूर्ण प्रयास नहीं करते ,ऐसे लोग अपनी स्कूली शिक्षा में अच्छे होते है क्योंकि स्कूली शिक्षा में गलतियों पर दण्डित किया जाता है ,गलतियों से बचा जाता है .
ऐसे लोग जब अपने दम पर ज़िन्दगी जीना शुरू करते है तो उन्हें एहसास होता है कि ज़िन्दगी जीने के लिए - एक ऊंचाई हासिल करने के लिए सड़क की शिक्षा महत्त्वपूर्ण है , स्कूल की शिक्षा ज़िन्दगी जीने में सहायक हो सकती है लेकिन ऊंचाई तक पहुंचने के लिए वो शिक्षा काम आती है जो सड़क से हासिल होती है.
सड़क की शिक्षा आपको गलतियाँ करने ,उन गलतियों से सबक सीखने, पर्याप्त
सुधार करने और फिर नए सिरे से प्रयास करने और सफलता हासिल करने से मिलती है
वो शिक्षा आपको गलती होने के डर से आज़ाद करती है जबकि स्कूल की शिक्षा
आपको गलतियों पर दण्डित करती है .
सोचिये अगर स्कूल में साईकल चलाना सिखाया जाता तो क्या होता ?
जो भी गिर जाता उसे दण्डित किया जाता और दंड के भय से अंततः वो साईकिल छूने से भी डरता जबकि सड़क की शिक्षा में साईकिल चलाना कितना आसान है !
सुबोध-अप्रैल ७ ,२०१५
सोचिये अगर स्कूल में साईकल चलाना सिखाया जाता तो क्या होता ?
जो भी गिर जाता उसे दण्डित किया जाता और दंड के भय से अंततः वो साईकिल छूने से भी डरता जबकि सड़क की शिक्षा में साईकिल चलाना कितना आसान है !
सुबोध-अप्रैल ७ ,२०१५
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