Sunday, July 27, 2014

86. सही या गलत -निर्णय आपका !

आपके पास अच्छा विचार है जिस से आपको लगता है अच्छा पैसा बनाया जा सकता है ,समस्या पैसे की है . तलाश कीजिये पैसा कहाँ मिलता है ,आपको जो-जो ऑप्शन नज़र आये नोट करते जाए . अपने विचार को कागज पर उतारे. दिमाग में विचार होना अलग है कागज पर होना वो भी इस तरह कि आप जो एक्सप्लेन करना चाहे वो प्रोजेक्ट देखनेवाले के बिलकुल समझ  में आ जाये - बिलकुल ही अलग होता है . हो सकता है पहली -दूसरी- तीसरी बार में वो क्लियरिटी नहीं आये जो सामने वाले  के दिमाग में बैठ जाए लेकिन प्रयास जारी रखे और तब तक जारी रखे जब तक जो बात प्रजेंटेशन  में आप चाहते है वो आ न जाये .

  एक-एक सवाल जो आपसे पूछे जा सकते है उनका तर्क सहित क्या उत्तर देना है आपको पता होना चाहिए , ये समझ लीजिये जो भी आप तैयारी करे युद्ध स्तर पर करें जाने इसी पर आपका आर्थिक भविष्य टिका हुआ है . ध्यान रहे विकल्प की सम्भावना आपकी काबिलियत को जंग लगा देती है .सो तैयारी पूरे मन से करे -कृपया आधी- अधूरी तैयारी के साथ मार्किट में जाकर अपनी इमेज ख़राब ना करें .
                          बेहतर है लोन के लिए किसी बैंक में जाए ,ख़ुदा ना खास्ता वो आप का लोन नामंज़ूर कर देते है तो उनसे जानकारी करे आपके प्रोजेक्ट में कमी क्या रह गई , कृपया कमी को समझे और उसे दुरुस्त करे फिर और किसी बैंक में जाए वो भी अगर मना करते है तो उनसे भी कमी पूछे और उसे दूर करें और ये सिलसिला तब तक अपनाते जाए जब तक आप का लोन मंजूर ना हो जाए . जब एक बार बैंक से लोन मंजूर हो जाता है तो व्यक्तिगत संपर्कों से लोन लेना इतना मुश्किल नहीं होता.
 इस दरमियान आप बिलकुल ही एक नई जबान सीखेंगे जो आप को इस क्षेत्र के मास्टर्स सिखाएंगे . ध्यान रहे अमीर आसमान से नहीं टपकता इसी धरती पर आकर बनता है और इसी तरह के प्रोसेस से गुजरता है - जब वो गुजर सकता है तो आप क्यों नहीं ?  
- सुबोध
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