बहुत से लोगों को ये समझ में ही नहीं आता कि गलतियां सीखने के लिए होती है , वे गलतियों से बचने के लिए अनजान राहों पर चलना ही नामंज़ूर कर देते है.
होना ये चाहिए कि आप पर्याप्त जानकारी इकट्ठी करे और उसके आधार पर कार्य करें अगर आप सफल होते है तो आप ये सीखते है कि सही तरीके से सूचनाएं कहाँ से जुटाई जानी चाहिए और किस तरह से इकट्ठी की गई सूचनाओं का उपयोग करना चाहिए और अगर असफल होते है तो आप कई तरीके से बहुत कुछ सीखते है कि सुचना के श्रोत गलत थे ,कि समर्पण में कहाँ कमी थी , कि किस डिपार्टमेंट में किस तरह की कमी रह गई जिसका नतीजा असफलता रहा . हर डिपार्टमेंट की एक अलग खासियत होती है उस खासियत में कहाँ कमी रह गई कि नतीजा पूरे प्रोजेक्ट पर पड़ा और वक्त रहते मैनेजमेंट की निगाह में वो कमी क्यों नहीं आई ? इस तरह के बहुत से सवालों के माध्यम से आप बहुत कुछ सीखते है.
होना ये चाहिए कि आप पर्याप्त जानकारी इकट्ठी करे और उसके आधार पर कार्य करें अगर आप सफल होते है तो आप ये सीखते है कि सही तरीके से सूचनाएं कहाँ से जुटाई जानी चाहिए और किस तरह से इकट्ठी की गई सूचनाओं का उपयोग करना चाहिए और अगर असफल होते है तो आप कई तरीके से बहुत कुछ सीखते है कि सुचना के श्रोत गलत थे ,कि समर्पण में कहाँ कमी थी , कि किस डिपार्टमेंट में किस तरह की कमी रह गई जिसका नतीजा असफलता रहा . हर डिपार्टमेंट की एक अलग खासियत होती है उस खासियत में कहाँ कमी रह गई कि नतीजा पूरे प्रोजेक्ट पर पड़ा और वक्त रहते मैनेजमेंट की निगाह में वो कमी क्यों नहीं आई ? इस तरह के बहुत से सवालों के माध्यम से आप बहुत कुछ सीखते है.
अगर असफलता की कीमत आप
पहले से ही निर्धारित कर लेते है तो जवाब मेँ आपको घातक परिणाम नहीं मिलेंगे ,प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले ही आप खुद से
ये सवाल कर लेवे की अगर मेरा प्रोजेक्ट असफल हो गया तो अधिक से अधिक मेरा कितना
नुकसान हो सकता है ?
और मुझे अधिकतम
कितना नुकसान होने के बाद प्रोजेक्ट को
बंद कर देना है . ये दो सबसे महत्वपूर्ण सवाल है जो हर नव -उद्यमी ( ENTREPRENEUR ) को कोई भी
प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले खुद से पूछने चाहिए और सख्ती से इनका पालन करना चाहिए
लेकिन चूँकि वे अपने विचारों को लेकर इतने ज्यादा पॉजिटिव होते है कि वे असफलता की
सोचते ही नहीं . और विपरीत नतीजा मिलने पर वे नुकसान पर नुकसान सहे जाते है और
प्रोजेक्ट " पैक-अप " करने की बजाय बर्बाद हो जाते है .
अगर आप प्रोजेक्ट
को लेकर पूरी तरह संतुष्टि चाहते है तो अपनी सूचनाओ को चेक करे, प्रोजेक्ट तैयार
करे ,बैंक में लोन अप्लाई करें ,एंजेल इन्वेस्टर्स से मिले .
अगर आप बैंक के और एंजेल इन्वेस्टर्स के सवालों का समाधान कर पाते है
उनसे लोन के लिए हाँ करवा पाते है ( आपने लोन लेना है या नहीं ये अलग मुद्दा है
बैंक और एंजेल इन्वेस्टर से मिलने का अर्थ प्रोजेक्ट की खामियों को समझना और दूर
करना भर है ) तो खुद से सवाल करें कि मैं इस प्रोजेक्ट पर कितना खोने को तैयार हूँ
, आपका जो भी जवाब हो
उतने पैसे का इंतेज़ाम करे और प्रोजेक्ट
शुरू कर दीजिये . अगर आपकी, आपके बैंकर की, एंजेल इन्वेस्टर की कैलकुलेशन सही है तो आप पैसा बनाएंगे नहीं तो
मानसिक तौर पर नुकसान के लिए आप तैयार ही है ,लेकिन इस प्रोसेस में आप जो कुछ सीखेंगे उस से आप बहुत कुछ बना सकते है , जो गलतियों से बचने का प्रयास करने वाले
नहीं बना पाएंगे.
- सुबोध
( one sim all recharge )
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