सपने
जान उन सपनों में होती है
जो उड़ा देते है नींदें .
नहीं करते परवाह
बीच रास्ते की अड़चनों की .
बन जाता है एक ज़ुनून .
हो जाते है एकाकार
दिल और दिमाग
और शुरू होता है सफर
सपने साकार करने का .
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आओ देखे सपने खुली आँखों वाले
जो उड़ा दे नींदें .
जो हो अपने खुद के .
न कोई चुरा पाये,
न कोई तोड़ पाये .
न करे परवाह अड़चनों की .
जो भर दे दिमाग में ज़ुनून
जगा दे मन में तूफ़ान
लगा दे जिस्म में आग
कर दे एकाकार
दिल और दिमाग को
पूरा करने उन सपनों को
जो देखे है खुली आँखों से .
सुबोध- मई ३१,२०१४
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