सुबोध- चमकीले पल
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सही या गलत -निर्णय आपका !
सही या गलत -निर्णय आपका ! 2
ज़िंदगी – एक नज़रिया
कवितायेँ -- एक साथ
कुछ टुकड़ों में
Wednesday, June 4, 2014
बेवफा
जी करता है
टूटी चूड़ी सा
उफ़क़ पर टंगा
चौथ का चाँद उतार
तेरे लिए
नथनी का छल्ला बना दूँ
या कान की बाली
पर फिर सोचता हूँ
अगर तू बेवफा निकली तो
आसमान बहुत रोयेगा
मेरा क्या है
मैं तो मर्द
हूँ !!!!
सुबोध
५ जून
,
२०१४
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