सुबोध- चमकीले पल
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सही या गलत -निर्णय आपका !
सही या गलत -निर्णय आपका ! 2
ज़िंदगी – एक नज़रिया
कवितायेँ -- एक साथ
कुछ टुकड़ों में
Monday, September 1, 2014
कुछ टुकड़ों में
अब वो एहसास न रहे
जो पहली मुलाकात में थे !
कुसूरबार मैं अकेला तो नहीं !!!
सुबोध- १ सितम्बर ,२०१४
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मैं तो कल भी गैर न था ,आज भी तेरा हूँ
तुझे खुद पे ऐतबार नहीं तो खता मेरी क्या है ?
सुबोध- १ सितम्बर ,२०१४
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