Wednesday, August 13, 2014

98. सही या गलत -निर्णय आपका !


अमीरी या गरीबी का निर्णय  ऊँची सैलरी या ऊँची कमाई नहीं होता है बल्कि कमाए गए पैसे में से आपने बचाया क्या है , इस से होता है .
" अ " लाख रूपये महीने कमाने वाला बंदा जिसका खर्च 98  हज़ार रूपया महीना है ,और" ब "  जो 30  हज़ार रूपया महीने का कमाता है उसका खर्च 27 हज़ार है तो अमीर "अ" नहीं" ब" होता है अगर 5  साल यानि 60 महीने बाद की इनकी स्थिति समझी जाए तो "अ" 1  लाख  20  हज़ार का और "ब" 1लाख 80 हज़ार का मालिक होता है और ये तो सीधी सी गणित है .
"अ" खर्चे में, लिविंग स्टैण्डर्ड में  आपको अमीर लग सकता है और "ब" गरीब  लेकिन" अ"  और" ब" की 5  साल बाद की बैलेंस शीट जो कहती है वो कुछ अलग ही कहानी है .छोटी सी लगनेवाली 1 हज़ार की एक्स्ट्रा बचत लम्बे समय में कितना बड़ा फर्क  बनती है ये इस उदाहरण  से स्पष्ट है .
                        ये बात अच्छे से समझ लेवें कौन कितना कमाता है, उसका लिविंग स्टैंडर्ट कैसा है अमीरी के खेल में  इस से कोई फर्क नहीं पड़ता , अंत में कौन कितना जोड़ पाता है  , बैलेंस शीट किसकी मजबूत है -फर्क इस से पड़ता है. 
             अमूनन अमीर लगने वाले डॉक्टर  ,वकील, चार्टेड अकाउंटेंट जैसे लोगों की स्थिति अंदर से कुछ और हो सकती है

- सुबोध
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