इंसान होगा तो
कर्म करेगा ,
भेजा है
कर्म करने के लिए
ख़ुदा ने उसे.
और गलतियाँ होती है
कर्म करने वालों से
न कि मुर्दों से .
-
देखते है
अाधी- अधूरी सोच वाले
किसने , कितनी गलतियाँ की
और पीटते है माथा
कोसने की शक्ल में
-
लेकिन ख़ुदा
ये देखता है
कि बजाय बहाने बनाने के
किसने स्वीकारी जिम्मेदारी.....
और वो ये देखता है
कि किसने , कितना सीखा
अपनी गलतियों से .
क्योंकि वो जानता है
मैंने इंसान को
पूर्ण बनाकर नहीं भेजा है
बल्कि भेजा है पूर्ण बनने के लिए..
सुबोध १२ मई,२०१४
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