आसान नहीं है
दायरे को तोडना
जो आरामदायक क्षेत्र (comfort zone) है तुम्हारा
तब्दिल हो गया है आदत में .
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चाहत तुम्हारी अमीर बनने की
कुछ नहीं भिखारी स्तर के अतिरिक्त .
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चुनाव तुम्हारा अमीर बनने का
शामिल किये है अपने में
शर्तों का पुलिंदा ,
बेहतर है चाहत से
लेकिन सर्वश्रेष्ठ नहीं
क्योंकि तुम्हारी शर्तें
सुरक्षा देगी आदतों को .
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समर्पण तुम्हारा अमीर बनने का
बनाएगा तुम्हें अमीर
क्योंकि यहाँ तुम कर रहे हो वो सब
जो ज़रूरी है अमीर बनने के लिए.
त्याग सारे आरामदायक क्षेत्र का
बिना रुके,बिना थके.
केंद्रित प्रयास,
ज़ज़्बा सब कुछ झोंक देने का,
विशेषज्ञता आत्मविश्वास से भरी,
मानसिकता अमीरों वाली,
कोई अगर,कोई मगर
कोई बहाना, कोई शायद नहीं .
सिर्फ समर्पण,
और समर्पण
और विकल्परहित समर्पण
ज़िन्दगी के आखिरी लम्हों तक......
सुबोध- मई २९, २०१४
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