Wednesday, May 14, 2014

सपने छोटे क्यों ?




छोटी सोच वाले
छोटे सपने देखते है
और सिर्फ देखते है.......
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बड़े सपने देखने पर
शुभचिंतक हो जाते है दहशतज़दा 
वे ढूंढते है
बड़ी समस्याओं के लिए
छोटे-छोटे समाधान.
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नहीं समझ पाते
कि  सपने
देखने से  नहीं
बल्कि पूरे होते है
सुव्यवस्थित प्रयास से ,
नहीं समझ पाते
कि वे इस किनारे पर है
 दुसरे पर उनके सपने
और बीच में समस्याओं की नदी .
-
उन्हें सिर्फ बनाना है एक पुल
इस किनारे से उस किनारे तक
उन्हें पुल बनाने का
जुटाना है सामान
पैदा करनी है काबिलियत
उसके बाद
सपने  उनके होंगे.
हाँ, जो भी देखे होंगे,
चाहे बड़े हो या छोटे.
तो छोटे क्यों ?
सुबोध-    १४ मई,२०१४


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