मैं
मेरे बच्चे को
एक सपना देता हूँ
उसकी आँखों में
एक लम्हे के लिये
चमक उभरती है
फिर दुसरे लम्हे
वह भोली मासूम चमक
मुझ पर एक सवाल
उछाल देती है,
पापा
जो दर्द ग्रांडप्पा ने
आपको दिया
वो मुझे क्यों देते है ?
और मुझे लगता है
इसका दिमाग
अब सोलहसाला
नहीं रहा है.
सुबोध अगस्त १९८३
मेरे बच्चे को
एक सपना देता हूँ
उसकी आँखों में
एक लम्हे के लिये
चमक उभरती है
फिर दुसरे लम्हे
वह भोली मासूम चमक
मुझ पर एक सवाल
उछाल देती है,
पापा
जो दर्द ग्रांडप्पा ने
आपको दिया
वो मुझे क्यों देते है ?
और मुझे लगता है
इसका दिमाग
अब सोलहसाला
नहीं रहा है.
सुबोध अगस्त १९८३
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